एक अगस्त से ये 5 बड़े बदलाव होंगे
नई दिल्ली. भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यूपीआई में बड़ा अपडेट करने की तैयारी में है। इससे लोग यूपीआई पेमेंट के लिए पिन डालने की जगह चेहरे की पहचान (फेस रिकॉग्निशन) और फिंगरप्रिंट जैसे बायोमेट्रिक्स का उपयोग कर सकेंगे। इस नए फीचर की अभी समीक्षा की जा रही है। जानकारों का कहना है कि इससे यूपीआई की सुरक्षा और पुख्ता होगी, क्योंकि इनमें पिन चोरी और धोखाधड़ी की ज्यादा गुंजाइश नहीं रहेगी। आगामी 2025 ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में इस फीचर को प्रदर्शित किया जा सकता है। बायोमेट्रिक्स के माध्यम से किए गए लेनदेन में शुरुआती चरण के दौरान अतिरिक्त सुरक्षा के लिए मूल्य सीमा तय की जा सकती है। इस बीच फेडरल बैंक ने इसी हफ्ते ऐसी सुविधा शुरू की है, जिसमें ग्राहक सिर्फ अपने चेहरे की पहचान या उंगलियों के निशान से ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स पर भुगतान कर पाएंगे। इसके लिए ओटीपी की जरूरत नहीं पड़ेगी।
1शेष राशि की जांच: ग्राहक एक दिन में 50 बार ही बैलेंस चेक कर सकेंगे। पीक आवर में इस सुविधा को सीमित किया जाएगा या रोका जाएगा। ग्राहक एक दिन में 50 बार बैलेंस जांच सकता है।
2.बैंक शेष शेष राशि बताएंगे: हर भुगतान के बाद शेष राशि की जानकारी एसएमएस से मिलेगी। इससे बार-बार बैलेंस देखने की जरूरत नहीं होगी।
3.बैंक खातों की जांच: यूपीआई ऐप से एक दिन में केवल 25 बार ही यह देख पाएंगे कि उनके मोबाइल नंबर से कौन-कौन से बैंक खाते जुड़े हुए हैं।
4.ऑटोपे मैडेट: केवल गैर-व्यस्त घंटों में ही सक्रिय होंगे। व्यस्त घंटे सुबह 10 से दोपहर 1 बजे और शाम 5 से रात 9:30 बजे तक माने जाएंगे। ऐप या सेवा का सब्सक्रिप्शन ऑटोपे मैडेट के जरिए व्यस्त समय में नहीं ले पाएंगे।
5.स्थिति जांच में देरी: कोई लेनदेन बीच में अटक जाता है तो बैंक या पीएसपी पर 90 सेकंड तक इंतजार करने के बाद स्थिति देख सकेंगे। दो घंटे में अधिकतम तीन बार ही स्टेटस चेक सकेंगे।
10 सेवाओं की दैनिक सीमा तय एक अगस्त से यूपीआई से जुड़ी 10 सेवाओं और सुविधाओं की दौनिक सीमा तय की गई है। इनमें बैलेंस जांचना, ऑटोपे मैंडेट सक्रिय करना, लेनदेन की स्थिति जांचना, यूपीआइ से जुड़ी खातों की लिस्ट प्राप्त करना आदि शमिल है। हर बैंक को साल में एक बार अपने सिस्टम का ऑडिट भी कराना होगा।
