July 5, 2025 2:50 am

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धर्मांतरण का बड़ा खेल… राजस्थान के कोने-कोने में हिंदुओं को बना रहे ईसाई

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कई एफआईआर दर्ज, लेकिन रुक नहीं रही घटनाएं

लालच, डर, फर्जी चमत्कार… अपना रहे सभी हथकंडे

3 संगीत, दावत: पंजाब में पांडाल लगाकर मिशनरी गतिविधियां खूब हो रही हैं। संगीत, दावत के नाम पर बुलावा। बीमारी, गरीबी, बेरोजगारी से ग्रस्त परिवार चिन्हित कर धर्मांतरण का ट्रेप।

जयपुर. खैरथल की मंजा की शादी इसी साल 21 जनवरी को हिंदू परंपरा से लक्ष्मण से हुई थी। उसे पांच दिन बाद पता चला कि पति ईसाई धर्म अपना चुका है। लक्ष्मण उसे भी ईसाई बनने के लिए विवश करने लगा। वह हिंदू धर्म न छोड़ने पर अड़ी रही। लेकिन दबाव, प्रताड़ना और अपना जीवन बर्बाद होते देख शादी के महज पांच माह बाद 14 जून को उसने आत्महत्या कर ली। आत्महत्या से पहले 2.12 मिनट का वीडियो बनाया। मंजा ने यह कहानी बताकर राजस्थान में चल रहे धर्मांतरण के खेल को उजागर कर दिया।

मंजा अकेली शिकार नहीं है, पत्रिका ने पड़ताल की तो पता चला कि राजस्थान में दबे-छिपे ढंग से धर्मांतरण करवाया जा रहा है। पूरे राजस्थान में असहाय, निर्धन और सामाजिक व आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को ईसाई बनाने के मामले सामने आ रहे हैं। अब तक जयपुर से लेकर अजमेर, अलवर, भरतपुर, खैरथल-तिजारा, बांसवाड़ा, सिरोही, डूंगरपुर, दौसा, झुंझुनूं, श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़, सलूंबर में कई केस दर्ज हो चुके हैं।

धर्म परिवर्तन के लिए डर और प्रलोभनों से लेकर बीमारियां ठीक करने जैसे अंधविश्वास का भी सहारा लिया जा रहा है।

भरतपुर : इसाई बनो, हमारी सरकार में मालामाल होंगेद्ग चिकसाना थाने में 15 फरवरी, 2024 को नरेश कुमार जाटव ने शिकायत दी, जिसमें बताया उन्हें अजय जाटव ने पीपला गांव बुलाया। वहां रेणु प्रजापत और उसका पति बबलू ईसाई धर्म का प्रचार कर रहे थे। वे कहते हैं कि हिंदू धर्म के देवताओं की पूजा से क्लेश होता है। लोगों को प्रलोभन दिए कि ईसाई धर्म अपनाने वाले को हर माह 500 से 2500 रुपए और प्रचार करने पर साल के 60 हजार रुपए मिलेंगे। वे यह भी कह रहे थे कि इस सरकार को उखाड़ फेंकेंगे, देश में हमारी सरकार होगी, इसे हम चलाएंगे और तुम सबको मालामाल कर देंगे।

कार्रवाई : नरेश ने बताया मौके पर पहुंची पुलिस ने कुछ लोगों को पकड़ा था, एफआइआर पर कोर्ट में उनकी अभी गवाही नहीं हुई।

झुंझुनू : महाराष्ट्र से आए, यीशु के गीत गाएद्ग 30 साल के देवेंद्र कुमार ने सिंघाना थाने में एफआइआर में कहा कि 13 अक्टूबर, 2024 को गांव डुमोली खुर्द में कुछ लोगों ने ईसाई धर्म में परिवर्तित होने के लिए ग्रामीणों को भाषण दिए। इनमें महाराष्ट्र के सोलापुर का संजय रणधीवे, पुणे का जयसन वरनाड और पुणे का ही शंकरलाल शामिल थे। एक लड़की ने भाषण में लोगों को ईसाई बनने के लिए कई प्रलोभन दिए और हिंदू धर्म के लिए अपमानजनक बातें कहीं।

कार्रवाई : पुलिस ने केस दर्ज किया, फिलहाल जांच के लिए भाषण के वीडियो सुन रही है।

कोटा: खाना-मकान दे रहे, टारगेट भील- कैथून थाने में दर्ज रिपोर्ट के अनुसार 21 अप्रैल, 2025 को सूचना मिली कि कॉलिन नाम का अमरीकी नागरिक ससुर जॉय मैथ्यू के साथ गांवों में आता है। मैथ्यू ने मोतीपुरा गांव में भील समुदाय के लोगों के साथ भोज कर ईसाई बनने को कहा। मैथ्यू ने गांव में 12 लोगों को घर बनाने के लिए पैसा दिया और पार्टियां की।

कार्रवाई: विदेशी नागरिकों पर दो केस दर्ज हुए हैं इनमें से एक में चार्जशीट दायर।

हनुमानगढ़: डुबकियां लगवाकर बपतिस्मा

सुरेंद्र बिश्नोई ने संगरिया थाने में दर्ज करवाई एफआईआर में बताया कि अप्रैल 2024 को उन्हें ढाणी में तीन-चार पास्टरों द्वारा 20 लोगों को नहर में डुबकियां लगवा कर बपतिस्मा करवाने की सूचना मिली। मौके पर पास्टर गुरु प्यार सिंह, उसके सहयोगी सिखों व बिहारी श्रमिकों का बपतिस्मा करवा रहे थे। प्रलोभन दे रहे थे।

कार्रवाई: सुरेंद्र ने बताया कि एफआईआर पर फिलहाल मामला कोर्ट में चल रहा है।

भरतपुर: चंगाई सभा में आओ, 10,000 लो

मथुरा गेट थाने में दर्ज प्राथमिकी के अनुसार 5 जुलाई, 2024 को रवींद्र कुमार सहित 40 पुरुषों और महिलाओं को पकड़ा गया। उन पर चंगाई सभा में माइक पर हिंदू धर्म के आराध्यों के लिए अपमानजनक बातें कहने के आरोप हैं। ईसा मसीह की सेवा करने पर ही स्वर्ग मिलने व हिंदु देवताओं की मूर्तियां फेंकने की बातें भी कही।

कार्रवाई: निरंजन कुमार की शिकायत पर बीएनएस की धारा 399 और 302 के तहत केस दर्ज।

इधर रायपुर में भी

स्कूली छात्र ने लगाया धर्मांतरण का आरोप

रायपुर. जबरन धर्मांतरण करवाने का मामला राजधानी के सिटी कोतवाली थाना क्षेत्र में शुक्रवार को सामने आया। स्कूल के छात्र ने तीन महिलाओं पर जबरन धर्मांतरण कराने और मानसिक रूप से प्रताड़ित करने का गंभीर आरोप लगाया। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। छात्र ने शिकायत में बताया कि वह 27 जून की सुबह स्कूल में परीक्षा देने गया। परीक्षा के बाद जब वह लगभग 11:45 बजे स्कूल से बाहर निकला तो ममता, नम्रता और विभा नामक तीन महिलाएं उसे रास्ते में मिलीं। उन्होंने छात्र को रोका और उस पर ईसाई धर्म अपनाने के लिए दबाव बनाने लगीं। महिलाएं उसके धर्म और देवी-देवताओं के खिलाफ आपत्तिजनक बातें कर रहीं थीं और उनके धर्म की पुस्तकें थमाने की कोशिश कर रही थीं। उन्होंने दावा किया कि जो लोग इस धर्म को अपनाते हैं, उनकी परेशानियां दूर हो जाती हैं। इतना ही नहीं, छात्र ने बताया कि इन महिलाओं के साथ दो और युवतियां भी शामिल थीं।

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Author: live36garh

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