अक्षर ज्ञान : जिस इलाके में हिड़मा का खौफ था, वहां फैल रहा शिक्षा का उजियारा
बीजापुर . जिले के जिस इलाके में नक्सलियों के सबसे खूंखार कमांडर हिड़मा की बटालियन का वर्चस्व था वहां अब सीआरपीएफ के जवान शिक्षा का उजियारा फैला रहे हैं। जवान जंगल के बीच में कैंप में सुरक्षा के साथ ही शिक्षा का सांमजस्य स्थापित कर रहे हैं। सीआरपीएफ की 229वीं बटालियन के जवान बीजापुर जिले के धुर नक्सल प्रभावित गुंडेम में एक स्कूल चला रहे हैं। इस स्कूल की खासियत यह है कि यहां की सारी व्यवस्था जवानों के कंधे पर ही है। जवान यहां बच्चों को अक्षर ज्ञान के साथ ही आधुनिक ज्ञान भी दे रहे हैं। इस इलाके में कभी बच्चों को नक्सली बरगलाकर अपने संगठन में शामिल कर लिया करते थे लेकिन अब यहां हालात बदले हैं और जवान बच्चों के सपनों को पंख दे रहे हैं। इस पहल से न केवल बच्चों की जिंदगी में बदलाव आ रहा है, बल्कि ग्रामीणों का सुरक्षा बलों के प्रति भरोसा भी बढ़ रहा है। शेषञ्चपेज 0८
स्थानीय युवाओं की भी भागीदारी
सीआरपीएफ के जवानों के साथ-साथ गांव के शिक्षित युवा भी बच्चों को पढ़ाने में सहयोग कर रहे हैं। दीवारों पर लगे चार्ट, ब्लैकबोर्ड और रंगीन डेस्क से बच्चों का मन पढ़ाई में रम रहा है। वहीं जवान बच्चों को कहानी और खेल के माध्यम से शिक्षा दे रहे हैं।
घंटी बजते बच्चे पहुंच जाते हैं स्कूल : हर सुबह जैसे ही स्कूल की घंटी बजती है तो बच्चे यूनिफॉर्म में उत्साह के साथ स्कूल पहुंचते हैं। टेंटनुमा इस स्कूल में बच्चों को अक्षर ज्ञान से लेकर गणित और सामाजिक व्यवहार की शिक्षा दी जा रही है।
शिक्षा से मुख्यधारा में जुड़ेगे बच्चे : बीजापुर एसपी डॉ. जितेंद्र यादव, बताया कि यह इलाका नक्सलियों की वजह से काफी पिछड़ा हुआ है। यहां हमारे जवान बदलाव लाने का काम कर रहे हैं। जवान केवल सुरक्षा ही नहीं दे रहे, बल्कि समाज में बदलाव लाने का भी प्रयास करते हैं। हमारा लक्ष्य है कि गांव का हर बच्चा शिक्षित हो और देश की मुख्यधारा से जुड़े।
