महासमुंद। खल्लारी विधानसभा के जनहितैषी कांग्रेस नेता अंकित बागबाहरा ने बताया कि 2016 से जमीनी हकीकत में शुरू हुई प्रधानमंत्री आवास योजना की लागत 2025 में भी केंद्र शासन 1 लाख 20 हजार मान रहा है, जबकि शहरी आवास की कीमत बढ़ाकर 2 लाख 28 हजार कर दी गई है। पूरा सामान शहरों से दूर से आता है, जिससे लागत और बढ़ जाती है।
साथ में 1 किलोवाट का सौर ऊर्जा संयंत्र शामिल हो
अंकित ने बताया कि प्रधानमंत्री आवास योजना का सर्वे पूरे देश में यूपीए नीत कांग्रेस की केंद्र सरकार के समय 2011 में हुआ था, जिसे 2013 में पंचायत से प्रस्ताव पारित करवाया गया। इसी परिणति स्वरूप सरकार बदलने के बाद भी अप्रैल 2016 से इसे लागू करना पड़ा और तब से आज दस साल बीत जाने व महंगाई कई गुना बढ़ने के बाद भी प्रधानमंत्री आवास (ग्रामीण) की लागत आज भी केंद्र की भाजपा सरकार मात्र 1 लाख 20 हजार ही मान रही है। 90 दिन की मनरेगा मजदूरी जोड़ें तो 20 हजार रुपये और जुड़ जाते हैं।

कांग्रेस नेता अंकित के क्षेत्रीय भ्रमण में ग्रामीणों से चर्चा के दौरान पता चला कि 270 वर्ग फुट का मकान आज महंगाई की वजह से बहुत महंगा हो चुका है। सामग्री शहर से लानी पड़ती हैं और शहरी आवास को ज्यादा कीमत मिल रही है। इसके ऊपर साय सरकार ने बिजली मूल्य भी बढ़ा दिए हैं। अब गरीब कैसे जिएंगे?
इस समस्या को देखते हुए अंकित बागबाहरा ने देश के प्रधानमंत्री के नाम एसडीएम बागबाहरा को पत्र सौंपा, जिसमें प्रधानमंत्री आवास ग्रामीण की लागत ₹3 लाख 25 हजार किए जाने व साथ में एक किलोवाट सौर ऊर्जा संयंत्र की लागत शामिल करने की मांग की गई है। वर्तमान में केंद्र व राज्य मिलाकर सौर उपकरण स्थापना पर लगभग ₹45 हजार की सब्सिडी देते हैं। सौर ऊर्जा संयंत्र को इस योजना में शामिल कर देना ग्रामीणों के लिए कई तरह की समस्याएं कम करेगा।
यह पत्र लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री राहुल गांधी को भी सौंपा जाएगा।
ज्ञापन एसडीएम कार्यालय में तहसीलदार नंदिनी वर्मा को सौंपा गया। ज्ञापन सौंपने वालों में सरपंच गौरी मुकेश ठाकुर, कोमल बाई, सरपंच प्रतिनिधि हीरादास टंडन, उपसरपंच केवल यादव, पूर्व उपसरपंच देवानंद साहू, गोपाल साहू, गणेश देवांगन, राजू नेताम, हरिश्चंद साहू, सत्यजीत साहू, लोकेश ध्रुव, धनेश लहरें, राहुल सहित बड़ी संख्या में ग्रामीण जनता उपस्थित थे।







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