December 6, 2025 1:09 pm

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प्रशासनिक संवेदनहीनता SDM के आश्वासन के बाद नहीं पहुंची मदद, ख़बर पढ़ समाजसेवी आकाश पहुंचे बालाराम के घर दी सहायता

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स्थानीय लोगों में प्रशासन के प्रति पनपा आक्रोश,निरंकुश कर्मचारियों पर संज्ञान ले प्रशासन

एसडीएम के आश्वासन के बावजूद नहीं पहुंची सरकारी सहायता, ख़बर पढ़ कर समाजसेवी आकाश ने  की बालाराम की  सहयता

पिथौरा– पिथौरा तहसील के ग्राम जंघोंरा में मूसलाधार बारिश से बेघर हुए बालाराम चौहान के गरीब परिवार की दुर्दशा ने  सरकारी तंत्र की धीमी चाल को उजागर किया है, इधर स्थानीय समाजसेवी आकाश अग्रवाल को तत्काल मानवीय मदद के लिए प्रेरित किया है।

जहाँ एक ओर अनुविभागीय अधिकारी बजरंग वर्मा ने त्वरित सहायता का आश्वासन दिया था, वहीं उनके अधीनस्थ नौकरशाहों ने संवेदनहीनता की पराकाष्ठा दिखाते हुए अब तक पीड़ित परिवार के घर तक पहुंचना उचित नहीं समझा। इस प्रशासनिक उपेक्षा के बीच, स्थानीय समाजसेवक आकाश अग्रवाल ने आगे आकर परिवार को बड़ी राहत दी है।

​समाजसेवी बने सहारा दस हजार रुपये की तत्काल मदद

​क्षेत्र में प्रकाशित ख़बर पढ़ने के बाद, स्थानीय समाजसेवी आकाश अग्रवाल ने मानवीय पहल करते हुए तुरंत जंघोंरा में बालाराम चौहान के घर का रुख किया। उन्होंने स्थिति का जायजा लिया और उनकी दयनीय हालत देख तत्काल दस हजार रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान की।

अप्रत्याशित मदद पाकर बालाराम चौहान की आँखें भर आईं। उन्होंने नम आँखों से आकाश अग्रवाल का आभार व्यक्त किया। इस दौरान आकाश अग्रवाल ने पीड़ित परिवार को यह भी आश्वासन दिया कि वे भविष्य में भी हर संभव मदद के लिए तत्पर रहेंगे। मिली हुई इस सहायता से बालाराम के परिवार ने किसी तरह अपने ढहे मकान की दीवारों को खड़ा करने का प्रयास शुरू कर दिया है, ताकि बरसात में उन्हें कुछ तो आसरा मिल सके।

एसडीएम का आश्वासन फीका प्रशासनिक तंत्र पर बड़ा सवाल

​पुरे प्रकरण मे आश्चर्यजनक और निंदनीय पहलू यह है कि एसडीएम बजरंग वर्मा ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जल्द से जल्द पटवारी को प्रकरण तैयार करने और तत्काल सहायता प्रदान करने का  आश्वासन तो दिया था। बावजूद इसके, बालाराम चौहान ने बताया कि आश्वासन के बाद भी प्रशासन का कोई भी नुमाइंदा या नौकरशाह उनकी सुध लेने नहीं पहुंचा है।

​इस दुःख की घड़ी में, जब एक गरीब मजदूर परिवार खुले आसमान के नीचे रहने को मजबूर है, सरकारी अमले की यह उदासीनता और लेट-लतीफी स्थानीय प्रशासन की कार्यशैली पर एक बड़ा प्रश्नचिन्ह लगाती है। एसडीएम के सीधे निर्देश के बाद भी उनके अधीनस्थ पटवारी या अन्य कर्मचारियों का मौके पर न पहुँचना, यह दर्शाता है कि नगर के नौकरशाही किस हद तक निरंकुश है 

​अब देखना यह होगा कि अनुविभागीय अधिकारी बजरंग वर्मा अपने आदेश की अवहेलना करने और एक बेघर परिवार की मदद में लापरवाही बरतने वाले पटवारी और अन्य संबंधित कर्मचारियों पर किस प्रकार की अनुशासत्मक कार्यवाही करेंगे.

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Author: live36garh

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