December 6, 2025 12:11 pm

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रास्ता बताने के साथ ही लोकेशन तक पहुंचाने में मदद करेगा चश्मा

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एनआईटी के इन्क्यूबेशन सेंटर में इन्क्यूबेट हुए 15 स्टार्टअप

रायपुर. एनआईटी के इन्क्यूबेशन सेंटर में 15 नए स्टार्टअप आइडिया शामिल हुए हैं। अब तक सेंटर में 45 से ज्यादा स्टार्टअप आइडिया इन्क्यूबेट हो चुके हैं। इन टेक्निकल इनोवेटिव आइडिया में ऐसे भी स्टार्टअप आइडिया हैं, जो आंखों से देख नहीं पाने वाले लोगों के लिए तैयार किए गए हैं। यहां एक ऐसा चश्मा तैयार किया गया है, जो रास्ते बताने के साथ ही लोकेशन तक पहुंचाने में भी मदद करता है। स्पोर्ट्स को बढ़ावा देने के लिए प्लेटफॉर्म हैं, जो स्पोर्ट्स वैन्यू को सपोर्ट कर रहा है। सेंटर के प्रभारी डॉ. अनुज शुक्ला ने बताया कि राज्य में युवाओं में प्रतिभा की कमी नहीं है। स्टार्टअप इकोसिस्टम डेवलप करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं।

7 हजार स्क्वेयर फीट में को-वर्किंग स्पेस

एनआईटी में इन्क्यूबेशन सेंटर के लिए गोल्डन टॉवर और बॉयज हॉस्टल में 7000 स्क्वेयर फीट में को-वर्किंग स्पेस डेवलप किया गया है। जहां एक साथ 100 से ज्यादा लोग बैठकर काम कर सकते हैं। स्टार्टअप का टेक्निकल सपोर्ट और लैब फैसिलिटी के लिए एनआईटी के 18 डिपार्टमेंट की लैब का उपयोग किया जा सकता है, साथ ही यहां की फैकल्टी टेक्निकल एक्सपर्ट और एलुमनाई भी मेंटरिंग करते हैं। स्टार्टअप को फंडिंग लेने में भी मदद की जाती है। वहीं यहां पढ़ने वाले स्टूडेंट्स को स्टार्टअप आइडिया में काम करने पर 25 हजार रुपए तक शीड ग्रांट भी दिया जा रहा है।

स्पोर्ट्स वैन्यू को कर रहे सपोर्ट

राहुल झुनझुनवाला और विरल मालवानिया स्पोर्ट्स बेस्ड स्टार्टअप पर काम कर रहे हैं। वे स्पोर्ट्स वैन्यू को मार्केटिंग, कस्टमर में मदद करते हैं। वे उन्हें सॉटवेयर और एप भी प्रोवाइड कराते हैं, जहां से वे अपने डेली ऑपरेशन के साथ ही अटेंडेंस, फीस, बुकिंग जैसी सभी चीजें कर सकते हैं। उनका काम दो मह्रीने पहले ही शुरू हुआ है। अभी 10 से ज्यादा वैन्यू उनसे जुड़ चुके हैं। विरल और राहुल दोनों ने ही एमबीए किया है। उन्होंने बताया स्पोर्ट्स पर ज्यादा लोग काम नहीं कर रहे और हमें स्पोर्ट्स में ही कुछ अच्छा करना था। इसलिए जॉब छोड़कर हमने स्टार्टअप शुरू किया।

चश्मा का कैमरा और सेंसर सामने की वस्तु को कर लेता है डिटेक्ट

अंशुमान हैल्थकेयर स्टार्टअप पर काम कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि जो व्यक्ति आंखों से देख नहीं सकते, उनके लिए तैयार किए गए चश्मे से वे सड़क पर चल सकते हैं। चश्मे को पहनकर सामने आने वाले किसी भी ऑब्जेक्ट को डिटेक्ट किया जा सकता है। इसमें सेंसर और कैमरा लगाया है। जो चश्मे के अंदर लगे चिप बोर्ड को रिस्पॉंस करता है और स्पीकर की मदद से बताता है कि आपके सामने क्या है। इसमें जीपीएस सिस्टम लगा हुआ है। इसे उन्होंने एप से भी जोड़ा है। उन्होंने बताया कि रायगढ़, संबलपुर, रांची, रायपुर में 200 लोगों पर टेस्टिंग भी की जा चुकी है। कई इंस्टीट्यूट से बेस्ट स्टार्टअप का अवॉर्ड भी मिल चुका है।

 

 

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Author: live36garh

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