नई दिल्ली. देश में सोने की कीमतों के नए स्तर पर पहुंचने के बाद अब इसे जांचने की व्यवस्था में भी बड़ा बदलाव होने जा रहा है। आपका सोना कितना खरा है? इसे कोई भी आम आदमी जांच सकेगा। केंद्र सरकार नई व्यवस्था ला रही है, जिसमें सोने की शुद्धता, वजन और हॉलमार्क का सत्यापन मोबाइल ऐप से किया जा सकेगा। देश में अभी सोने की शुद्धता को हॉलमार्क से पहचाना जाता है। कोई भी व्यक्ति सोना दुकान से खरीदता है, तो सोने के उत्पाद पर हॉलमार्क मिलता है। हॉलमार्क बताता है कि सोना कितना खरा है। यह भारतीय मानक ब्यूरो के 300 से ज्यादा सेंटर्स पर लगाए जाते हैं।
बड़ा बदलाव: मोबाइल ऐप पर हॉलमार्क का फोटो व नंबर बताएगा हकीकत
इसलिए पड़ी जरूरत
देश में हॉलमार्क की भी डुप्लीकेसी का खतरा रहता है। वजह यह है कि हॉलमार्क को वेरीफाई करने का कोई त्वरित तरीका उपभोक्ता के पास नहीं है, इसलिए सरकार ने उपभोक्ता के लिए सीधे हॉलमार्क सत्यापित करने का सिस्टम तैयार किया है।
लेकिन हॉलमार्क असली है या नहीं इसे जांचने की उपभोक्ता के पास कोई व्यवस्था नहीं है। अभी व्यापारी ही मानक ब्यूरो से उत्पाद पर हॉलमार्क लगवा कर लाता है और बेचता है। केंद्र सरकार ने इसे अनिवार्य कर रखा है।
800 टन सोने की खपत सालाना भारतीय बाजार में
ये भी होगा लाभ: नई व्यवस्था के बाद उपभोक्ता देश में कहीं पर भी उत्पाद की सत्यता को जांच सकेगा। मसलन किसी व्यक्ति ने दिल्ली में हॉलमार्क लगा उत्पादन खरीदा है तो वह राजस्थान या मध्य प्रदेश के शहर में भी उत्पाद बेचते समय सोने की शुद्धता और वजन मोबाइल ऐप पर सत्यापित करा सकेगा। फिलहाल यह नियम नए बनने वाले उत्पादों पर ही लागू होंगे।
कोई भी व्यक्ति सोने का उत्पाद खरीदते समय उस पर लगे हॉलमार्क का फोटो और यूनिक नंबर ऐप पर डालेगा। ऐप पर पता चल जाएगा कि यह हॉलमार्क उत्पाद रजिस्टर्ड है या नहीं। इसके साथ ही उत्पाद का वजन और शुद्धता का भी पता लग जाएगा। ऐसा इसलिए होगा कि उत्पाद पर हॉलमार्क लगाते समय ही हॉलमार्क और नंबर के फोटो खींचे जाएंगे। एक फोटो उत्पाद व वजन के साथ और दूसरा हॉलमार्क के यूनिक नंबर के साथ होगा। यह दोनों एक सॉफ्टवेयर के जरिए वेबसाइट पर डाले जाएंगे। इसके बाद कोई भी वेबसाइट या ऐप पर नंबर डालेगा, तो उत्पाद के बारे में पूरी जानकारी मिल सकेगी।







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