कोई वीडियो एआई से बना है या नहीं, यह पहचानना है आसान
आज के डिजिटल युग में कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआइ) ने आसान बनाया है, लेकिन इसके साथ ही फेक वीडियो, जिन्हें डीपफेक कहा जाता है, की चुनौती भी सामने आई है। ये वीडियो वास्तविक लगते हैं, लेकिन कुछ फ्री टूल्स की मदद से आप इन नकली वीडियो को आसानी से पहचान सकते हैं।
डीपवेयर: फेक वीडियो का पता लगाने वाला शक्तिशाली टूलडीपवेयर फ्री ऑनलाइन टूल है, जो वीडियो की प्रामाणिकता का विश्लेषण करता है। इसके लिए डीपवेयर की वेबसाइट पर जाएं यहां वीडियो फाइल अपलोड करें या उसका यूआरएल दर्ज करें। स्कैनिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद, यह उपकरण %टेक्निकल सस्पिशन रेटिंग% देता है। उच्च स्कोर वीडियो में हेरफेर की आशंका बताता है, कम स्कोर बताता है कि वीडियो सुरक्षित है।
इनविड: रिवर्स इमेज के लिए इनविड टूल है, जो वीडियो के प्रमुख फ्रेम और चेहरों को अलग करके उनकी जांच करने में मदद करता है। इनविड स्वचालित रूप से यह नहीं बताता कि वीडियो फेक है या नहीं, लेकिन यह रिवर्स इमेज सर्च की सुविधा प्रदान करता है। इसके माध्यम से वीडियो के फ्रेस को मैन्युअल जांच सकते हैं और असंगतियों को पकड़ सकते हैं। जैसे- चेहरे की गतिविधियां या पृष्ठभूमि में कोई अनियमितता दिखती है, तो संकेत हो सकता है कि वीडियो एआई-जनित है। यह टूल खासकर पत्रकारों और शोधकर्ताओं के लिए उपयोगी है।
मैनुअली डीपफेक कैसे पहचानें
टूल के अलावा, कुछ मैनुअल तकनीकें भी हैं, जो डीपफेक वीडियो को पहचानने में मदद करती हैं। उदाहरण के लिए चेहरों पर असामान्य गतिविधियां, जैसे आंखों का अप्राकृतिक हिलना या भावनाओं का अभाव, डीपफेक का संकेत हो सकता है। इसके अलावा बैकग्राउंड में असंगत छायाएं, धुंधलापन या अप्राकृतिक वस्तुएं फेक वीडियो की ओर इशारा करती हैं।
आशीष खंडेलवाल
चैटजीपीटी: वीडियो विश्लेषण के लिए दृष्टिकोण- चैैटजीपीटी वीडियो की प्रामाणिकता की जांच में सहायक हो सकता है। आप वीडियो अपलोड करके या यूआरएल दर्ज करके एक साधारण प्रॉप्ट जैसे %क्या यह वीडियो एआई-जनित है?% का इस्तेमाल कर सकते हैं। यह वीडियो को फ्रेस में तोड़कर उसकी असलियत को सामने लाता है।







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