जगदलपुर. कर्नाटक, महाराष्ट्र व प. बंगाल में भाषायी विवाद व बाहर के प्रदेशों के रहवासियों के साथ धमकी, मारपीट व अपने भाषा- बोली व संस्कृति को श्रेष्ठ बताने की होड़ लगी है। कई ऐसी घटनाएं दोहराई जा चुकी हैं, जिन्होंने देश की अखंडता व विविधता में एकता के संदेश को पीछे धकेल दिया है। ऐसे दौर में छत्तीसगढ़ के बस्तर में एक ऐसी पहल हो रही है जो समूचे देश के लिए अनुपम उदाहरण साबित होगी। इसके लिए चित्रकोट- कन्नड़ा-छत्तीसगढ़ी संगमा के बैनर तले आगामी दस अगस्त को छग पर्यटन के आईकान बने चित्रकोट जलप्रपात में एक अनूठा आयोजन हो रहा है। चित्रकोट जलप्रपात पर तुंगभद्रा, कावेरी, महानदी से लाए जा रहे जल को इंद्रावती की जलधारा में विलय किया जाएगा। यह प्रतीक होगा कि हम भारतीय जल की तरह निर्मल बनकर देश की उन्नति व प्रगति में सहायक बनेंगे।
यह होंगे शामिल, इनकी होगी प्रस्तुति
इस जल संगम को पूरा करने के लिए सेवानिवृत विंग कमांडर सुदर्शन, कन्नड़ा गायिका पद्मिनी ओक छत्तीसगढ़ी सिने अभिनेत्री रितिका यादव, पंडवानी गायिका ऋतु वर्मा, नाट्य कलाकार निर्मला हेगड़े सहित अन्य जुटेंगे। आयोजन समिति के सूत्रधार आकाश वर्मा ने बताया कि इन तीनों प्रदेशों के सांस्कृतिक दूत के अलावा आईआईएम छत्तीसगढ़ व एआई के जानकार जुटेंगे। इस आयोजन के अलावा कर्नाटक की यक्षगण और छत्तीसगढ़ की पंडवानी का मंचन होगा।







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