खोज: इंडियन ऑयल की रिफाइनरी का कारनामा
पानीपत. रसोई में इस्तेमाल के बाद बचा हुआ तेल जल्द ही उड़ान में मददगार साबित हो सकता है। इंडियन ऑयल की पानीपत रिफाइनरी ने खाने के तेल से एसएएफ (सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल) बनाने में सफलता हासिल की है। इसके लिए पानीपत रिफाइनरी को एसएएफ बनाने के लिए आइएससीसी सर्टिफिकेट मिला है। इसका मतलब है कि भारत अब न सिर्फ बायो जेट फ्यूल बना सकेगा, बल्कि अन्य देशों को सर्टिफाइड एसएएफ सप्लाई भी कर सकेगा।
इस तरह वह एविएशन क्षेत्र में कार्बन उत्सर्जन घटाने को बढ़ावा दे सकेगा और हरित ईंधन अपनाने में योगदान बढ़ा सकता है। केंद्रीय सिविल एविएशन मिनिस्टर राम मोहन नायडू ने सोशल मीडिया पर कहा कि पानीपत रिफाइनरी को देश के पहले सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल उत्पादक के रूप में प्रमाणित किया गया है। जल्द ही 3 करोड़ लीटर की सालाना क्षमता के साथ उत्पादन शुरू होने वाला है। हम 2027 तक सभी अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के ईंधन में 1 फीसदी एसएएफ इस्तेमाल करने के लक्ष्य को पूरा करने और एविएशन फ्यूल में कार्बन उत्सर्जन कम करने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहे हैं।
