नई सुविधाः पारदर्शिता लाने की कोशिश
रायपुर. फार्मा सही दाम, मोबाइल ऐप लांच किया गया है। राष्ट्रीय औषधि मूल्य निर्धारण प्राधिकरण ने यह ऐप लांच किया है। इससे दवाओं की कीमतों में पारदर्शिता आने की संभावना है।
वर्तमान में कई मेडिकल स्टोर संचालक दवाओं को ओवररेट पर बेचते हैं। इससे ग्राहकों को नुकसान पहुंच रहा है। ऐप लांच होने से आम लोगों को बड़ी राहत मिल सकेगी। पत्रिका ने 8 अगस्त के अंक में हद है, जेनेरिक को ब्रांडेड दवा बताकर बेच रहे शीर्षक से समाचार प्रकाशित किया था। राजधानी के कई मेडिकल स्टोर संचालक जेनेरिक दवाओं को एमआरपी या 10 से 15 फीसदी छूट पर बेच रहे हैं। जबकि यही दवा रेडक्रास व धन्वंतरि मेडिकल स्टोर में 60 से 72 फीसदी छूट पर मिल रही है। जेनेरिक व ब्रांडेड दवाओं की पहचान का कोई विकल्प नहीं है इसलिए लोग एक तरह ठगे जा रहे हैं।
जेनेरिक व ब्रांडेड दवाओं में क्वालिटी का अंतर मल्टीनेशनल फार्मास्यूटिकल कंपनियों का शिगूफा है। जबकि भारत से अरबों रुपए की जेरिक दवा हर साल यूएसए को निर्यात किया जाता है। ऐसा होता तो यूएसए जेनेरिक दवा भारत से क्यों मंगाता? जो भी दवा खरीदें, अच्छी कंपनी की होनी चाहिए।डॉ. विष्णु दत्त, रिटायर्ड डीएमई
दरअसल कई मेडिकल स्टोर संचालक अब जेनेरिक व ब्रांडेड दवा साथ में बेच रहे हैं। मोबाइल ऐप में यूजर के लिए दवा का सही मूल्य जानने की सुविधा, दवाओं के विकल्पों की जानकारी, दवा का निर्माता/कंपनी विवरण देखना तथा दवाओं की अधिकतम खुदरा मूल्य (एमआरपी), अनुशंसित मूल्य और निर्धारित दरें देखने की सुविधाएं शामिल हैं।
