December 6, 2025 1:10 pm

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नक्सलगढ़ में शिक्षादूतों के लिए मोबाइल बना मौत का सबब

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नक्सली मोबाइल जब्त कर कॉल रिकॉर्ड की कर रहे जांच

सात शिक्षादूतों की हो चुकी हत्या,मुखबिरी का शक

जगदलपुर. सुरक्षा बलों से लगातार मात खा रहे नक्सली अब ग्रामीण इलाकों में दहशत फैलाने शासकीय कर्मियों, शिक्षित युवकों एवं शिक्षा दूतों को निशाना बना रहे हैं। बताया जा रहा है कि बीजापुर के नेशनल पार्क और अबूझमाड़ के कई इलाकों में नक्सलियों ने लोगो को हिदायत दी है कि वे पुलिस से दूर रहें तथा मोबाइल का उपयोग न करे। बुधवार को सिलगेर के मंडीमरका के शिक्षादूत लक्ष्मण बारसे की इसलिए हत्या कर दी क्योंकि वह नक्सलियों के मनाही के बाद भी मोबाइल चला रहा था दो दिनों पूर्व नक्सलियों उसके कॉल रिकॉर्ड की भी जांच की थी।

पिछले दिनों नक्सली कैंपों से बरामद कई पर्चों में भी यह स्पष्ट रूप लिखा पाया गया है कि डीआरजी के जवान शिक्षाकर्मियों का उपयोग गोपनीय सैनिकों के रूप में कर रहे है उनके द्वारा नक्सलियों के लोवर कैडर को चिन्हांकित उन्हें आत्मसमर्पण के लिए प्रेरित किया जाता है। यह मोबाइल के द्वारा फ़ोर्स के सम्पर्क में रहते है मुखबिरी के कारण नक्सलियों को काफ़ी नुकसान उठना पड़ रहा है।

 

गांव में रहने या आने-जाने वाले हर उस व्यक्ति पर नक्सली पैनी नज़र रखते है जो कि शिक्षित और मोबाइल धारक है समय-समय पर उससे पूछताछ भी की जाती है शक होने पर उसे जन अदालत में तलब भी किया जाता है। बुधवार की रात सिलगेर के मंडीमरका गाँव में शिक्षादूत लक्ष्मण बारसे की हत्या भी इसी मुखबिरी के शक के आधार पर की गई है। प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, लक्ष्मण के मोबाइल कॉल रिकॉर्ड की जांच की तो उसमे फ़ोर्स के कुछ लोगों के नंबर और मैसेज मिले, इसको आधार बनाकर नक्सलियों ने उन्हें फोर्स का मुखबिर मान लिया।

मोबाइल पर लगा दिया प्रतिबंध

नारायणपुर, बीजापुर, और सुकमा के अंदरूनी गांवों में नक्सली अब खुलेआम ग्रामीणों के मोबाइल फोन जब्त कर रहे हैं। कॉल रिकॉर्ड, मैसेज और लोकेशन भी चेक कर रहें हैं । जांच में जिस भी व्यक्ति के फोन में पुलिस या प्रशासन से जुड़ी कोई जानकारी मिलती है, तो उनसे पूछताछ होती है। कई लोगों को प्रताड़ित किया जाता है। अनेक गांवों में नक्सलियों ने मोबाइल उपयोग पर प्रतिबंध लगा दिया है। एक ग्रामीण ने बताया कि शहीदी सप्ताह के दौरान एक छात्र के कॉल रिकॉर्ड में एक डीआरजी जवान का नम्बर मिलने पर नक्सलियों ने उसकी पिटाई की और उसके पूरे परिवार को गांव से निकाल दिया।

खामियाजा भुगतना होगा

बस्तर में नक्सलियों का जनाधार तेजी से खत्म होता जा रहा है। यहीं कारण है बौखलाहट में नक्सली इस प्रकार की हरकतें कर रहें है निर्दोषों की हत्या करने से कोई बहादुर नहीं होता। उन्हें इसका खामियाजा भुगतना ही होगा। -सुंदरराज पी, आईजी बस्तर

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Author: live36garh

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