सुप्रीम कोर्ट: अभ्यर्थी की याचिका पर कार्रवाई
नई दिल्ली. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार में इंस्पेक्टर स्तर तक की भर्तियां करने वाले स्टाफ सलेक्शन कमीशन (एसएससी) की परीक्षाओं में गड़बड़ी के खिलाफ दायर जनहित याचिका (पीआईएल) पर केंद्र सरकार और एसएससी से जवाब-तलब किया है। जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर की बेंच ने एक अभ्यर्थी निखिल कुमार की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई के बाद केंद्र सरकार और एसएससी को नोटिस जारी किया।
सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से आरोप लगाया गया कि एसएससी ने कंप्यूटर आधारित परीक्षा आयोजित करने के लिए एक निजी संस्था एडुक्विटी को तकनीकी भागीदार के रूप में नियुक्त करने के बाद परीक्षा के संचालन में बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं। परीक्षाओं में गड़बड़ी के बाद एक भर्ती में करीब 50000 परीक्षार्थियों की दुबारा परीक्षा लेनी पड़ी। याचिका में संयुक्त स्नातक स्तरीय (सीजीएल) परीक्षा, 2025 सहित आगामी एसएससी परीक्षाओं की निगरानी के लिए एक स्वतंत्र कमेटी गठन करने, एडुक्विटी की ओर से संचालित परीक्षाओं को रद्द कर पुन: आयोजित करने और स्वतंत्र व निष्पक्ष जांच की मांग की गई है।
गौरतलब है कि ’पत्रिका’ ने एसएससी परीक्षा में ठेकेदार तकनीकी संस्था एडुक्विटी की ओर से गड़बड़ियों, यूपीएससी से ब्लेक लिस्ट व विवादित होने के बावजूद उसे ठेका मिलने और अभ्यर्थियों की परेशानियों का मुद्दा प्रमुखता से उठाया था। जनहित याचिका में वही सब प्रमुख मुद्दे उठाए गए हैं जो पत्रिका ने रेखांकित किए थे
याचिका में प्रवेश पत्र में गलत या अपूर्ण केंद्र विवरण, सैकड़ों किलोमीटर दूर सेंटर देने, परीक्षा के दौरान कंप्यूटर बंद होने, बायोमेट्रिक विफलता, बिजली गुल होने और विरोध करने पर अभ्यर्थियों को धमकाने के भी आरोप लगाए गए हैं।







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