देश में मौतों के 10 बड़े कारण
नई दिल्ली. भारत में मौत के सबसे बड़ा कारण अब संक्रामक रोग नहीं बल्कि दिल की बीमारियां और दूसरी गैर-संचारी बीमारियां बन गई हैं। 2021 से 2023 के बीच हुए सैंपल रजिस्ट्रेशन सर्वे की नई रिपोर्ट के मुताबिक, भारत में कुल मौतों में से लगभग 31त्न मौतें दिल की बीमारियों जैसे- हार्ट अटैक और स्ट्रोक से हो रही हैं। गैर-संचारी बीमारियों में दिल की बीमारी, कैंसर, डायबीटीज और सांस की पुरानी बीमारियां शामिल हैं। देश में कुल मौतों का इनका हिस्सा 56.7त्न है। इसके मुकाबले संक्रामक रोग, मातृ और नवजात से जुड़ी दिक्कतें और कुपोषण मिलकर सिर्फ 23.4त्न मौतों के लिए जिम्मेदार हैं। यह आंकड़े साफ दिखाते हैं कि भारत में बीमारियों का परिदृश्य बदल गया है।
पहले जहां संक्रामक रोग सबसे बड़ी चिंता थे, अब उनकी जगह लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियों ने ले ली है। दिल की बीमारी और डायबीटीज जैसी बीमारियों का बढ़ना इस ओर इशारा करता है कि लोगों को अपनी जीवनशैली बदलने की जरूरत है। नियमित व्यायाम, संतुलित आहार, जैसी आदतें अपनाना जरूरी है।
अधूरी जानकारी वाले मामले बढ़े
रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि 10.5त्न मौतें अनिश्चित कारणों की श्रेणी में आती हैं, खासतौर पर 70 साल से ऊपर के लोगों में। यानी कई मामलों में असली वजह साफ नहीं हो पाती, जिसकी वजह डेटा कलेक्शन में खामियां बताई गई हैं। सबसे चिंता की बात यह है कि 15 से 29 साल की उम्र में आत्महत्या सबसे बड़ा कारण है, जो युवाओं में मानसिक स्वास्थ्य संकट की ओर इशारा करता है।
देश के सामने खड़ी है बड़ी चुनौती
दुनियाभर में हर तीन में से एक मौत दिल की बीमारी की वजह से होती है और इनमें से लगभग 80त्न मौतें भारत जैसे कम और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं। वर्ल्ड हेल्थ फेडरेशन की रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की करीब 15त्न आबादी तंबाकू का सेवन करती है, जबकि हर व्यक्ति सालाना औसतन 4.3 लीटर शराब पीता है। इसके अलावा, 21त्न वयस्क हाई बीपी से पीड़ित हैं।
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