राज्य के मुय सचिव को अगली सुनवाई में बताने कहा कि क्या कार्रवाई की
एनएचएआई से जमीन अधिग्रहण के मुआवजे पर नहीं लगेगा इनकम टैक्स: हाईकोर्ट
बिलासपुर. मस्तूरी रोड पर देर रात 18 कारों में स्टंट और रील बनाने के मामले को हाईकोर्ट ने संज्ञान में लिया है। कोर्ट ने इसे बहुत गंभीर बताते हुए आदेश दिया कि मस्तूरी पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 कारों को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ा जाएगा। कोर्ट ने अगली सुनवाई 23 सितंबर को रखी है जिसमें राज्य सरकार के मुय सचिव को शपथपत्र में बताना होगा कि इन अपराधियों के विरुद्ध क्या कार्रवाई की गई है।
कोर्ट ने गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा- पुलिस का प्रकोप केवल गरीब, मध्यम वर्ग और दलितों पर ही पड़ता है, लेकिन जब अपराधी कोई संपन्न व्यक्ति होता है, चाहे वह बाहुबल, धन या राजनीतिक समर्थन के मामले में हो, तो पुलिस अधिकारी नख-दंतहीन बाघ बन जाते हैं। ऐसे अपराधियों को मामूली जुर्माना भरकर छोड़ दिया जाता है, उनके वाहन भी मालिकों को सौंप दिए जाते हैं। कोर्ट ने आदेश की कॉपी राज्य के मुय सचिव को भेजने कहा है।
सरकार की ओर से दी गई कार्रवाई की जानकारी
सुनवाई के दौरान महाधिवक्ता प्रफुल्ल एन भारत ने कोर्ट को बताया कि पुलिस ने मौके पर पहुंचकर अभियान चलाया और स्टंट में शामिल 18 गाड़ियों को जब्त कर लिया है। इसके साथ ही कार मालिकों के ड्राइविंग लाइसेंस रद्द करने की सिफ़ारिश की गई है। यह कार्रवाई सड़क सुरक्षा के दृष्टिकोण से की गई है ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके। गाड़ियों के मालिकों की पहचान कर ली गई है और सभी के खिलाफ मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जा रही है। साथ ही युवाओं को चेतावनी दी गई है कि सार्वजनिक सड़कों पर स्टंटबाजी करने पर कड़ी सजा दी जाएगी।
यह है मामला
तीन दिन पहले बिलासपुर मस्तूरी रोड पर देर रात 15-20 कारों में स्टंट करते हुए लोगों ने हाईवे जाम कर दिया था। वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद पुलिस हरकत में आई। वीडियो में युवाओं को तेज रतार से गाड़ियां दौड़ाते, स्टंट करते और सड़क पर खतरा पैदा करते देखा गया।
छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने एक महत्वपूर्ण आदेश में कहा है कि नेशनल हाईवे अथारिटी ऑफ इंडिया (एनएचएआई) द्वारा अधिग्रहित जमीन के बदले मिले मुआवजे पर आयकर नहीं लिया जा सकता। मुआवजे पर विभाग ने 17 लाख रुपए इनकम टैक्स जमा कराया था। कोर्ट ने रिफंड का आदेश जारी करते हुए कहा, जमीन अधिग्रहण का मुआवजा टैक्स फ्री है।
जस्टिस संजय के. अग्रवाल, जस्टिस संजय कुमार जायसवाल की डिवीजन बेंच ने रायपुर के व्यापारी संजय कुमार बैद की अपील स्वीकार कर इनकम टैक्स विभाग को आदेश दिया कि टैक्स के रूप में वसूली गई राशि वापस करने की प्रक्रिया शुरू करें।
जमा टैक्स वापसी का आवेदन खारिज किया विभाग ने: आयकर अपीलीय न्यायाधिकरण से अपील खारिज होने के बाद बैद ने हाईकोर्ट में अपील कर कहा कि वर्ष 2021 में रेक्टिफिकेशन आवेदन देकर 17 लाख 7 हजार 340 रुपये रिफंड की मांग की, पर आयकर अधिकारी ने यह कहते हुए आवेदन खारिज कर दिया कि धारा 96 यहां लागू नहीं होती।
17 लाख रुपए टैक्स कोर्ट ने रिफंड का आदेश दिया
यह है मामला
रायपुर स्टेशन रोड स्थित कृषि भूमि को एनएचएआई द्वारा वर्ष 2017 में अधिग्रहण किया गया। इसके एवज में व्यापारी संजय कुमार बैद को 73,58,113 रुपए का मुआवजा मिला। उन्होंने 2017-18 के आयकर रिटर्न में इस राशि को शार्ट टर्म कैपिटल गेन दिखाकर 24 लाख 30 हजार 521 रुपए टैक्स के रूप में जमा कर दिया। बाद में जानकारी मिली कि 2013 के भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनस्थापन अधिनियम की धारा 96 के अनुसार यह मुआवजा टैक्स मुक्त है।
पुलिस की कार्रवाई केवल दिखावा: कोर्ट
कोर्ट ने यह भी कहा है कि पुलिस अधिकारियों को आखिर ऐसे लोगों के खिलाफ अपराध दर्ज करने से कौन, और क्यों रोकता है। ऐसे अपराधी प्रवृत्ति के लोग गैर जिमेदार होते हैं और अन्य यात्रियों की जान को खतरे में डालते हैं। ऐसे गुंडा तत्वों के खिलाफ पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई ऐसी होनी चाहिए जो उनके जीवन के लिए एक सबक हो। कोर्ट ने यह भी कहा है कि वर्तमान मामले में पुलिस द्वारा की गई कार्रवाई केवल दिखावा है। कोर्ट ने साफ निर्देश दिया है कि मस्तूरी पुलिस द्वारा जब्त की गई 18 कारों को हाईकोर्ट की अनुमति के बिना नहीं छोड़ा जाएगा।
राज्य सरकार के निर्णय से दिव्यांगजनों को हो रहा है नुकसान
अधिवक्ता दुबे ने डिवीजन बेंच को बताया कि पार्लियामेंट द्वारा पारित अधिनियम का छत्तीसगढ़ में पालन नहीं किया जा रहा है। दिव्यांगजनों को आरक्षण देने के लिए अब तक कमेटी का गठन नहीं किया गया है और ना ही पद चिन्हांकित किए हैं। दिव्यांगजनों को सरकारी नौकरी में आयु सीमा में भी छूट नहीं दी जा रही है।







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