नमूने जांच और राजस्थान मैं पुष्टि, मप्र में अब तक 14 की मौत
भोपाल.मध्य प्रदेश और राजस्थान में 14 बच्चों की मौत के बाद चार राज्यों ने कोलड्रफ कफ सिरप की बिक्री पर रोक लगा दी है। इधर, चेन्नई स्थित एक कंपनी की फैक्टरी में निरीक्षण के दौरान वहां से एकत्र किए गए ‘कफ सिरप’ के नमूने में मिलावट पाई गई है। सिरप के सैपल्स की जांच में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल निर्धारित सीमा से अधिक मात्रा में पाया गया है।
मध्यप्रदेश और राजस्थान में कथित तौर पर खांसी की दवाओं से 14 बच्चों की मौत के बाद केंद्र और राज्यों की सरकारें सक्रिय हो गई हैं। मप्र के स्वास्थ्य विभाग ने दो कफ सिरप (कोलड्रफ और नेक्सट्रो डीएस) का प्रोडक्शन रुकवाने के लिए तमिलनाडु और हिमाचल को पत्र लिखा है। तमिलनाडु सरकार ने मप्र की ओर से पत्र मिलते ही 24 घंटे के भीतर कोलड्रफ सिरप (बैच नंबर एसआर-13) का सैंपल लेकर जांच कराई। इसमें डाईएथिलीन ग्लाइकॉल 48.6% मिला, जो एक विषैला पदार्थ है। यह सेहत के लिए हानिकारक है। इसके तुरंत बाद पूरे तमिलनाडु शेष पेज 9 पर
यह जांच मप्र सरकार के अनुरोध पर तमिलनाडु सरकार ने कराई। सिरप को लेकर छत्तीसगढ़, गुजरात, उत्तराखंड, तेलंगाना में भी जांच के आदेश
सैंपल्स की जांच में डाईएथिलीन ग्लाइकॉल निर्धारित सीमा से अधिक
केंद्र, राज्य सरकार सक्रिय सीडीएससीओ ने 19 दवाओं के सैंपल इकट्ठे किए
केंद्र सरकार ने भी उठाया बड़ा कदम
इस मामले में अब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों को सलाह दी है कि दो साल से कम उम्र के बच्चों को कफ सिरप न दी जाए। वहीं पांच साल से कम उम्र के बच्चों के लिए कफ सिरप का इस्तेमाल डॉक्टर की सलाह, सीमित मात्रा और सावधानी के साथ किया जाए। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और बच्चों के लिए नुकसानदेह दवाओं पर अब चेतावनी लेबल लगाना अनिवार्य होगा।
क्या है खतरा ?
मामले में तंलगाना सरकार की तरफ से जारी प्रेस विज्ञप्ति के
कोलड्रफ सिरप के इस बैच में डायएथिलीन अनुसार, ग्लाइकोल (डीईजी) नाम का जहरीला रसायन मिला है, जो शरीर के गुर्दों (किडनी) को गंभीर नुकसान पहुंचा सकता है और जानलेवा साबित हो सकता है। इसी कारण तेलंगाना में इस सिरप को लेकर लोगों को उपयोग तुरंत बंद करने की चेतावनी
छह राज्यों में 19 दवा कंपनियों की जांच
स्वास्थ्य मंत्रालय ने शनिवार को बताया कि केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन ने मध्य प्रदेश में कफ सिरप से बच्चों की मौत की खबरों के बाद छह राज्यों में कफ सिरप और एंटीबायोटिक दवाएं बनाने वाली 19 कंपनियों के प्लांट में 3 अक्टूबर से निरीक्षण शुरू किया है। इसका उद्देश्य उन खामियों की पहचान करना है जिनके कारण दवा की क्वालिटी में कमी आई है।
राजस्थान में इग कंट्रोलर सस्पेंड
राजस्थान में डेक्सट्रोमेथोर पन हाइड्रोबेमाइड कफ सिरप और उसे बनाने वाली कंपनी केसंस फार्मा को भी प्रतिबंधित कर दिया गया। इस कंपनी का प्लांट जयपुर में है। इस सिरप से राजस्थान में 2 बच्चों की जान गई। राजस्थान सरकार ने केसंस फार्मा की सभी 19 प्रकार की दवाइयों पर रोक लगा दी है।







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