December 6, 2025 1:10 pm

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जो कफ सिरप नकली निकली, वही राजधानी समेत प्रदेशभर में बिक रही

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CoughSyrup अगस्त में गरियाबंद जिले से लिया गया था सैंपल, सितंबर में निकला सब-स्टैंडर्ड

मिस ब्रांड भी निकली है दवा, सब-स्टैंडर्ड भी

रायपुर. प्रदेश में बेस्टो कॉफ कफ सिरप नकली निकली है। नकली इसलिए, क्योंकि असली सिरप की मार्केटिंग करने वाली बेस्टोकेम फार्मूलेंशंस ने इसे अपनी सिरप मानने से इनकार कर दिया है। इसलिए यह नकली मानी जाएगी।

 

हालांकि ड्रग विभाग के अधिकारियों का कहना है कि अभी कंपनी के जवाब का इंतजार किया जा रहा है। इस सिरप का अगस्त में गरियाबंद के एक मेडिकल स्टोर से सैंपल लिया गया था। सितंबर में आई रिपोर्ट में सिरप में कम कंटेंट मिला था। इसके बाद कंपनी को ड्रग विभाग ने नोटिस जारी किया था।

 

ड्रग विभाग ने नोटिस में कंपनी से कहा था कि क्यों न सब स्टैंडड सिरप बेचने पर ड्रग अधिनियम के अनुसार कार्रवाई की जाए। यही नहीं इस सिरप की बिक्री पर रोक भी लगा दी गई थी। हालांकि कुछ मेडिकल स्टोर संचालक स्वीकारते हैं कि बेस्टो कॉफ सिरप की बिक्री अभी भी जारी है। यानी लोग अभी भी कम कंटेट वाली सिरप खांसी ठीक करने के लिए पी रहे हैं। कम कंटेट का मतलब ये होता है कि उसमें निर्धारित मात्रा से कम कंटेंट है। इससे खांसी समय पर ठीक नहीं होगी। बीमारी पर ठीक से असर नहीं करेगी।

 

दूसरी ओर अधिकारियों का दावा है कि छिंदवाड़ा में जिस सैंपल की सिरप पीने के बाद बच्ची की मौत हुई, उसकी सप्लाई प्रदेश में नहीं हुई है। हालांकि ये जांच का विषय हो सकता है। कौनसी सिरप बच्चों को दी जा रही है, इसकी मॉनीटरिंग करने का प्रदेश में कोई सिस्टम ही नहीं बना है। इसलिए ये कहना कि इस सिरप की सप्लाई नहीं हुई है, यह पूरी तरह सही नहीं है। इधर सीजीएमएससी ने भी सरकारी अस्पतालों के लिए ये सिरप सप्लाई नहीं होने का दावा किया था।

बेस्टो कॉफ सिरप लैब की जांच में सब स्टैंडर्ड निकली थी। यानी इसमें निर्धारित मात्रा से कंटेंट कम था। इसके बाद कंपनी को नोटिस भेजा गया था। प्रदेश में भी इस सिरप की बिक्री पर रोक लगाई गई थी। अब चूंकि कंपनी इसे अपना प्रोडक्ट नहीं बता रही है, इसलिए यह नकली सिरप की श्रेणी में आ जाएगी।

बेनीराम साहू, असिस्टेंट ड्रग कमिश्नर, रायपुर

 

पिछले 4 माह में 4 दवाएं मिस ब्रांड निकली है। साथ ही दो दवाओं में कंटेट कम निकला है यानी यह सब स्टैंडर्ड है। ड्रग विभाग के अधिकारियों के अनुसार मिस ब्रांड व सब-स्टैंडर्ड दवा बनाने वाली कंपनियों को नोटिस दिया गया है। दो साल के बच्चों के लिए कफ सिरप के बैन बाद ड्रग विभाग ताबड़तोड़ सैंपलिंग तो कर रहा है, लेकिन रिपोर्ट एक भी नहीं आई है। पिछले 12 दिनों में 150 से ज्यादा सैंपल लिया गया है। ड्रग लैब में कुछ जरूरी केमिकल नहीं होने से जांच प्रभावित हो रही है। हालांकि अधिकारियों का कहना है कि जांच रिपोर्ट जल्द आने की संभावना है। मध्यप्रदेश व राजस्थान में कफ सिरप पीने से बच्चों की मौत के बाद प्रदेश में भी सावधानी बरती जा रही है। विभिन्न मेडिकल स्टोर से खांसी सिरप की बोतल ली जा रही है और जांच के लिए कालाबाड़ी स्थित लैब भेजा गया है।

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Author: live36garh

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