शिकायत: अपलोड एरर, वेबसाइट अटकने और टोल पर रोकने के मामले
ट्रक चालकों के कार के टैग का दुरुपयोग करने जैसे मामलों के लिए लाया गया नियम आम चालक पर पड़ा रहा भारी
ऐसे करनी होगी केवाईवी
नई दिल्ली. बार-बार केवाईसी के बाद अब वाहन मालिकों के लिए सरकार ने नया नियम लागू किया है, केवाईवी यानी ‘अपने वाहन को जानें’। अब हर फास्टैग यूजर को अपनी गाड़ी की फोटो और रजिस्ट्रेशन सर्टिफिकेट (आरसी) अपलोड करनी होगी। ट्रक चालकों द्वारा कारों के लिए बने टैग के इस्तेमाल जैसे दुरुपयोग के मामलों के चलते केवाईवी को 31 अक्टूबर, 2024 से एक अनिवार्य प्रक्रिया के रूप में लागू किया गया था। सरकार का दावा है कि केवाईवी से सिस्टम पारदर्शी होगा, लेकिन आम लोगों के लिए यह सिरदर्द बन गया है। कई वाहन चालकों को टोल प्लाजा पर रोक दिया गया क्योंकि उनका फास्टैग ‘केवाईवी’ का पालन न करने के कारण नहीं चल रहा है।
इसके अलावा अपलोड प्रक्रिया में एरर आने, बार-बार फोटो खींचने, दस्तावेज सबमिट करने और वेबसाइट के अटकने जैसी दिक्कतों ने वाहन चालकों की परेशानी बढ़ा दी है। लोग लगातार सोशल मीडिया पर इस सबंध में अपनी शिकायतें दर्ज करवा रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक शिकायतों के बाद सड़क परिवहन मंत्रालय ने बैंकों से कहा है कि केवाइवी न करने पर तुरंत फास्टैग डिएक्टिवेट न करें, पहले ग्राहकों को सूचित करें।
हर फास्टैग को उसके व्हीकल रजिस्ट्रेशन नंबर (वीआरएन) और चेसिस नंबर से लिंक करना जरूरी है। इसके अलावा, यूजर को गाड़ी के आगे और साइड से फोटो लेकर आरसी के साथ अपलोड करनी होगी। बैंक या फास्टैग जारीकर्ता एजेंसी इसे ‘वाहन’ डेटाबेस से मिलाकर वेरिफाई करेगी। बिना केवाईवी के फास्टैग अपने-आप डिएक्टिवेट हो जाएगा। केवाईवी एक बार नहीं, बल्कि हर तीन साल में करानी होगी ताकि डेटाबेस अपडेट रहे और फर्जीवाड़ा न हो सके। एक वाहन एक टैग का पालन करना होगा।
अधिकारी स्वीकार कर रहे हैं कि प्रक्रिया कठिन और उलझी हुई है और इसे आसान बनाना जरूरी है। अब विचार किया जा रहा है कि सभी बैंकों के लिए एक समान प्रक्रिया और हेल्पलाइन शुरू की जाए ताकि यूजर को दिक्कत न हो।







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