December 6, 2025 10:09 am

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फोन में ‘संचार साथी’ जरूरी, डिजिटल अरेस्ट मामलों की सीबीआई जांच

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नई दिल्ली. देश में बढ़ते साईबर अपराध पर लगाम लगाने के लिए दोहरी तैयारी है। एक ओर जहां केंद्र सरकार ने मोबाइन निर्माता कंपनियों को निर्देश दिए हैं कि यह फोन में साइबर सुरक्षा ऐप ‘संचार साथी अनिवार्य रूप से पी इंस्टाल करें। दूसरी ओर सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को निर्देश दिए कि डिजिटल अरेस्ट के सभी मामलों की जांच सीबीआई को सौंपी जाए।

संचार मंत्रालय ने गत सप्ताह जारी निर्देश में स्मार्टफोन कंपनियों को नए फोन में ‘संचार साथी’ ऐप प्री-इंस्टाल करने के लिए 90 दिन का समय दिया है. और यह भी निर्देश दिया है कि सप्लाई चेन में मौजूद डिवाइसों पर यह ऐप सॉफ्टवेयर अप्डेट के जरिए भेजा जाएगा। उपयोगकर्ता इस अनिवार्य ऐप को हटा (डिसएवरत) नाही पाएंगे। सरकार का कहना है कि आईएमईआई आधारित साइबर अपराधी, स्यूफिंग, स्कैम और नेटवर्क दुरुपयोग को रोकने के लिए ऐप जरूरी है। इसके जरिए चोरी हुए फोन का पता लगाने, नकाली फोन बाजार पर रोक लगाने और फर्जी कनेक्शनों की पहचान करने में बड़ी मदद मिलती है।

एपल के लिए चुनौतीः सरकार का यह आदेश एपल जैसी कंपनियों के लिए चुनौती बन सकता है। काउंटरपॉइंट रिसर्च के

सुप्रीम कोर्ट: आरबीआई व आईटी कंपनियां मदद करें, राज्य सहमति दें……

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सीबीआई को डिजिटल अरेस्ट मामलों की जांच के निर्देश दिए। चीफ जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमाल्या बागची ने डिजिटल अरेस्ट की घटनाओं पर स्वतः संज्ञान मामले में यह आदेश दिया। बेंच ने पंजाब, तमिलनाडु, उत्तराखंड और हरियाणा सहित अन्य राज्यों को आइटी एक्ट की संबंधित धाराओं के तहत सीबीआइ को जांच की सहमति देने के भी निर्देश दिए। साथ ही बेंच ने ने भारतीय रिजर्व बैंक अनुसार, भारत में स्मार्टफोन्स में एपल की हिस्सेदारी करीव 4.5% है है और कंपनी की आंतरिक नीति किसी भी सरकारी या वर्ड पार्टी ऐप को प्री इंस्टॉल करने की अनुमति नहीं देती।

7 लाख फोन बरामद कर चुका ऐप

भारत दुनिया का सबसे बड़ा मोबाइल बाजार, 120 करोड़ मोबाइल उपभोक्ता है

2 मोबाइल टेकिंग, आइएमईआई सत्यापन, धोखाधड़ी रोकने में संचार साथी मददगार

3 -सात लाख चोरी गए फोन बरामद, 37 लाख से अधिक बशीक, 3 करोड़ फर्जी कनेक्शन पकड़े

1,23,672 मामले 2024 में

1935 करोड़ रुपए ठगे गए 2025 में

दर्ज हुए डिजिटल अरेस्ट सहित साइबर अपराधों को मामले में पक्षवार बनाते हुए सीबीआई को बैंकरों की भूमिका की जांच करने की भी पूरी आजादी दे दी। बेंच ने कहा कि आरबीआई धोखाधड़ी वाले खातों की पहचान करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले एआई और मशीन लर्निंग टूल्स की व्याख्या करने में मदद करे। कोर्ट ने आईटी सेवा प्रदाताओं को जांचकर्ताओं के साथ पूरा सहयोग करने और आवश्यकता पड़ने पर जरूरी डेटा उपलब्ध कराने का भी निर्देश दिया।

विशेषज्ञों का कहना है कि एपल सीधे आदेश मानने के बजाय बीच का रास्ता’ तलाश सकती है, जैसे यूजर को ऐप इंस्टॉल करने का विकल्प सुझाना।

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Author: live36garh

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