
सूत्रों के मुताबिक, जिले के पिथौरा की शराब दुकानों में भी इसी तर्ज पर अनियमितताएं चल रही हैं। निलंबन के बाद जिले में अवैध मदिरा और वित्तीय गड़बड़ी के बड़े खेल पर कसावट की उम्मीद की जा रही है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत यह कार्रवाई शासन की सख्ती को दर्शाती है।
छत्तीसगढ़: महासमुंद के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी निधीश कुमार कोष्टी निलंबित, लापरवाही और वित्तीय अनियमितता का आरोप
रायपुर, 06 जून 2025: छत्तीसगढ़ शासन ने महासमुंद जिले के प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी श्री निधीश कुमार कोष्टी को शासकीय कार्य में लापरवाही, अनियमितता, तय दर से अधिक मूल्य पर मदिरा विक्रय, स्टॉक में कमी और लाखों रुपये की वित्तीय गड़बड़ी के आरोप में तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। यह कार्रवाई मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय की ‘जीरो टॉलरेंस’ नीति के तहत की गई है। निलंबन अवधि में श्री कोष्टी का मुख्यालय आबकारी आयुक्त कार्यालय, नवा रायपुर अटल नगर निर्धारित किया गया है।आकस्मिक निरीक्षण में खुलासा
29 मई 2025 को आबकारी विभाग मुख्यालय रायपुर के एक वरिष्ठ अधिकारी ने महासमुंद जिले के घोड़ारी स्थित कम्पोजिट मदिरा दुकान का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण से पहले एक छद्म ग्राहक को 2,000 रुपये (500 रुपये के चार नोट) देकर मदिरा खरीदने भेजा गया। निर्धारित मूल्य 1,760 रुपये के बजाय विक्रयकर्ता ने 2,000 रुपये में मदिरा बेची। पूछताछ में विक्रयकर्ता ने अधिक मूल्य पर बिक्री की बात कबूल की। भौतिक सत्यापन में 1,886 नग देशी मसाला मदिरा की कमी और 1.88 लाख रुपये की आर्थिक गड़बड़ी पकड़ी गई। इसके अलावा, बिक्री राशि की तुलना में नगदी में 3.08 लाख रुपये और विदेशी मदिरा में 1.99 लाख रुपये की कमी सामने आई। कुल मिलाकर 6.96 लाख रुपये की वित्तीय अनियमितता का मामला उजागर हुआ।पिछली कार्रवाई और अवैध मदिरा
आबकारी आयुक्त के अनुसार, इससे पहले 3 मई 2025 को राज्य स्तरीय उड़नदस्ता ने बागबहरा (महासमुंद) में उड़ीसा निर्मित 351.17 बल्क लीटर अवैध मदिरा जब्त की थी, जो केवल उड़ीसा में वैध थी। इस मामले में तीन प्रकरण दर्ज किए गए और फरार आरोपी के खिलाफ आबकारी अधिनियम की धारा 34(2) और 59(क) के तहत कार्रवाई की गई।‘जीरो टॉलरेंस’ नीति का प्रमाण
मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने कहा, “प्रदेश में शासकीय जिम्मेदारियों के निर्वहन में किसी भी प्रकार की लापरवाही, भ्रष्टाचार या अनियमितता बर्दाश्त नहीं की जाएगी। महासमुंद में की गई यह कार्रवाई सरकार की जीरो टॉलरेंस नीति का प्रमाण है।” शिकायतों की लंबी फेहरिस्त के बाद विभाग ने संज्ञान लिया और निलंबन की कार्रवाई की।जिले में बड़े खेल पर कसावट
सूत्रों के मुताबिक, पिथौरा की शराब दुकानों में भी इसी तर्ज पर अनियमितताएं चल रही हैं। निलंबन के बाद जिले में अवैध मदिरा और वित्तीय गड़बड़ी के बड़े खेल पर कसावट की उम्मीद की जा रही है। छत्तीसगढ़ सिविल सेवा आचरण नियम के तहत यह कार्रवाई शासन की सख्ती को दर्शाती है।
