

70 साल पुराना मकान गिरा, बाल-बाल बचीं पत्रकार शिखा दास
सरपंच की मनमानी से आवास योजना से वंचित, अब सिर छुपाने को भी ठिकाना नहीं
पिथौरा (लाखागढ़) – ग्राम लाखागढ़ की इकलौती महिला पत्रकार शिखा दास का 70 साल पुराना कच्चा मकान बुधवार सुबह तेज बारिश में ढह गया। हादसे के वक्त शिखा दास शयनकक्ष से बाहर निकल चुकी थीं, जिससे उनकी जान बच गई। मकान का मलबा ठीक उसी जगह गिरा, जहां वे रात में सोई थीं। अगर वे कुछ देर और कमरे में रुकतीं, तो बड़ी अनहोनी हो सकती थी।
कामरेड पत्रकार शिखा दास जैसी महिलाएं समाज की रीढ़ हैं। उनका दर्द सिर्फ उनका नहीं, पूरे समाज का है। प्रशासन से अपील है कि वे संवेदनशीलता दिखाते हुए शिखा को तुरंत आवास और सुरक्षा उपलब्ध कराएं
शिखा दास गरीबी रेखा के नीचे जीवन यापन करती हैं और उनके पास पक्का घर नहीं है, जिससे वे प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता पूरी करती हैं। बावजूद इसके, उन्हें योजना से वंचित रखा। शिखा दास लगातार पंचायत के भ्रष्टाचार को उजागर करती रही हैं,
अब मकान गिरने के बाद शिखा दास के पास सिर छुपाने की भी जगह नहीं बची है। वे अकेली रहती हैं और जीवन यापन बेहद कठिन हो गया है। स्थानीय प्रशासन और जनप्रतिनिधियों से मांग है कि उन्हें तत्काल आवास और सहायता उपलब्ध कराई जाए, ताकि वे सुरक्षित जीवन जी सकें।
जनहित की खबरों पर साहसिक कलम चलाने वाली पत्रकार शिखा दास
