बिहार विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने जारी किए नए दिशानिर्देश
नई दिल्ली। बिहार में विधानसभा चुनाव से पहले निर्वाचन आयोग ने प्रक्रिया में बड़े बदलाव किए हैं। अब इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) पर उम्मीदवारों की रंगीन तस्वीरें लगाई जाएंगी। उनके नाम और नंबर भी बड़े अक्षरों में प्रदर्शित होंगे, ताकि मतदाताओं को कोई असुविधा न हो। वर्ष 2015 से ईवीएम पर प्रत्याशियों के श्वेत-श्याम फोटो ही इस्तेमाल हो रहे हैं। इससे प्रत्याशियों की पहचान में परेशानी होती थी। संशोधित ईवीएम बैलेट पेपर की शुरुआत बिहार विधानसभा चुनावों से की जाएगी।
नए दिशा-निर्देश के अनुसार पहली बार प्रत्याशियों की रंगीन तस्वीरें होंगी।
तस्वीर में प्रत्याशी का चेहरा फोटो के तीन-चौथाई हिस्से में दिखेगा, ताकि मतदाता आसानी से प्रत्याशी की पहचान कर सकें। ईवीएम के मतपत्र छापने का काम सरकारी या अर्ध सरकारी प्रेस में ही होगा। आयोग ने ईसीआईएल और बीईएल दोनों तरह की मशीनों के लिए स्वीकृत ईवीएम बैलेट पेपर के नमूने भी जारी किए हैं। आयोग ने छह महीनों में चुनावी प्रक्रिया सरल व पारदर्शी बनाने के लिए 28 नए कदम उठाए हैं।
ये अहम बदलाव
ईवीएम में उम्मीदवार का सीरियल नंबर, नाम और फोटो प्रत्याशी पैनल के बाईं ओर और चुनाव चिह्न दाईं ओर छपा होगा।
उम्मीदवार का सीरियल नंबर मानक अंकों में होगा। सीरियल नंबर अब 30 फॉन्ट साइज में और अधिक उभार के साथ होगा।
तस्वीर उम्मीदवार के नाम व प्रतीक के बीच होगी। फोटो का साइज चौड़ाई 2 सेमी व ऊंचाई 2.5 सेमी होगी। लोकसभा चुनाव के लिए मतपत्र सफेद और विधानसभा चुनावों के लिए गुलाबी होगा।
1978 से पहले पैदा हुए लोगों को नहीं देना पड़ेगा दस्तावेज
विशेष गहन मतदाता पुनरीक्षण (एसआईआर) के लिए दस्तावेज जमा करवाने पर विरोध के बीच चुनाव आयोग ने कहा कि अब अधिकतर राज्यों में आधे से ज्यादा मतदाताओं को कोई दस्तावेज देने की जरूरत नहीं होगी। आयोग ने कहा, एक जुलाई, 1978 से पहले देश में पैदा हुए मतदाताओं को कोई दस्तावेज नहीं देना होगा। उन्हें केवल एक हलफनामा देना होगा और कोई ऐसा दस्तावेज, जिससे उनके जन्म और जन्मस्थान की प्रामाणिकता की पुष्टि होती हो।







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