December 6, 2025 7:36 pm

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अपवाद छोड़ किसी वकील को सलाह के लिए समन नहीं

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सुप्रीम कोर्ट ने कहा, एसपी या बड़े अफसर की सहमति जरूरी

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि किसी आपराधिक मामले में कानूनी सलाह देने पर किसी वकील के खिलाफ तब तक समन जारी नहीं किया जा सकता, जब तक कि वह मामला भारतीय साक्ष्य अधिनियम (बीएसए) की धारा 132 के अपवाद के तहत न आता हो। मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) जस्टिस बीआर गवई, जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस एनवी अंजारिया की पीठ ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से दो वरिष्ठ वकीलों को समन जारी करने के बाद दर्ज स्वतःसंज्ञान मामले में यह फैसला सुनाया। बीएसए की धारा 132 को वकीलों के लिए विशेषाधिकार करार देते हुए पीठ ने

प्रैक्टिस न करने वाले वकीलों को सुरक्षा नहीं

पीठ ने स्पष्ट किया, इन-हाउस वकील, जो अदालतों में प्रैक्टिस नहीं कर रहे, उन्हें धारा 132 के तहत दी गई सुरक्षा के अंतर्गत कवर नहीं किया जाएगा।

कहा, जांच अधिकारी मामले का विवरण जानने के लिए, अभियुक्त का प्रतिनिधित्व करने वाले किसी वकील को सिर्फ तभी समन जारी कर सकते हैं, जब मामला धारा 132 के तहत अपवाद की श्रेणी में आता हो।

पीठ ने कहा, जब अधिवक्ता को समन जारी होगा, तो उसमें विशेष रूप से वह तथ्य दर्ज होंगे, जिनके तहत अपवाद का सहारा लिया जा रहा है। पुलिस अधीक्षक स्तर का अफसर अपवाद के बारे में संतुष्टि लिखित रूप में दर्ज करेगा। वकीलों को जारी समन भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (बीएनएसएस) 2023 के तहत न्यायिक समीक्षा के अधीन होगा। गोपनीयता का हक उन वकीलों पर लागू होगा, जो किसी मुकदमेबाजी या गैर-मुकदमेबाजी या मुकदमे-पूर्व मामले में लगे हैं।

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Author: live36garh

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