केंद्र सरकार में लगभग एक करोड़ से अधिक कर्मचारियों और पेंशनरों के महंगाई भत्ते ‘डीए’ एवं महंगाई राहत ‘डीआर’ में दो फीसदी वृद्धि की सौगात मिली है। शुक्रवार को केंद्रीय कैबिनेट ने डीए की दरों में बढ़ोतरी के प्रस्ताव पर मुहर लगा दी है। एक जनवरी से देय महंगाई भत्ते की दर अब 53 प्रतिशत से बढ़कर 55 प्रतिशत हो गई है। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट की बैठक के बाद हुई प्रेस ब्रीफिंग में यह जानकारी दी है। गत वर्ष केंद्र सरकार ने दीवाली पर कर्मचारियों के महंगाई भत्ते एवं पेंशनरों की महंगाई राहत में तीन फीसदी की बढ़ोतरी की थी।
‘2’ फीसदी डीए से होगा इतना फायदा …
बेसिक वेतन (₹) | 2% वृद्धि (₹) | 53% डीए (₹) | 55% डीए (₹) |
18,000 | 360 | 9,540 | 9,900 |
25,000 | 500 | 13,250 | 13,750 |
35,000 | 700 | 18,550 | 19,250 |
52,000 | 1,040 | 27,560 | 28,600 |
70,000 | 1,400 | 37,100 | 38,500 |
85,500 | 1,710 | 45,315 | 47,025 |
1,00,000 | 2,000 | 53,000 | 55,000 |
बता दें कि डीए/डीआर की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा, होली और दीवाली पर की जाती है। हालांकि डीए/डीआर की दरों में वृद्धि हर साल एक जनवरी और एक जुलाई से किए जाने का प्रावधान है। अगर तय समय से कुछ माह बाद डीए की घोषणा होती है तो सरकारी कर्मचारियों के खाते में उतने ही माह का एरियर आ जाता है। केंद्र सरकार के कर्मचारी संगठनों के प्रतिनिधियों का कहना है कि इन भत्तों को तय समय पर जारी न कर केंद्र सरकार, खुद लाभ कमा रही है। कॉन्फेडरेशन ऑफ सेंट्रल गवर्नमेंट एम्प्लाइज एंड वर्कर्स के महासचिव एसबी यादव ने बताया, केंद्रीय कर्मियों के लिए महंगाई भत्ते ‘डीए’ की दरों में बढ़ोतरी की घोषणा जानबूझकर कई माह देरी से की जाती है। इससे सरकार को फायदा होता है। चूंकि डीए/डीआर की दरों में हुई बढ़ोतरी से सरकार पर हजारों करोड़ रुपये का भार पड़ता है। ऐसे में सरकार, डीए/डीआर की घोषणा, तीन चार माह देरी से करती है। इस अवधि के दौरान सरकार का पैसा निवेश होता है, जिस पर उसे अच्छा खासा ब्याज मिलता है।
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नियमानुसार, पहली जनवरी और पहली जुलाई से महंगाई भत्ते एवं महंगाई राहत में बढ़ोतरी करने का प्रावधान है, लेकिन केंद्र सरकार हर दफा यह घोषणा करने में तीन चार माह की देरी कर देती है। अखिल भारतीय रक्षा कर्मचारी महासंघ (एआईडीईएफ) के महासचिव और राष्ट्रीय परिषद (जेसीएम) स्टाफ साइड के वरिष्ठ सदस्य सी.श्रीकुमार के अनुसार, सरकार को इस मामले में देरी नहीं करनी चाहिए। जब पहली जनवरी और पहली जुलाई से डीए बढ़ोतरी का नियम है तो इसमें कई माह की देरी क्यों हो रही है। अगर ये भत्ते देने में तीन चार माह की देरी होती है तो सरकार हजारों करोड़ रुपये बचा लेती है।
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