
संभागीय संयुक्त संचालक ने जांच करके कार्यवाही हेतु शासन को भेजा था प्रतिवेदन।
पिथौरा। विकासखंड शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार ठाकुर पिथौरा इस 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे थे। लेकिन उससे 02 दिन पूर्व ही इनके उपर में शासन स्तर से बडी कार्यवाही की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन्हे निलंबित कर दिया है। दो प्रकरणों के जांच के दोषी पाए जाने के बाद शासन ने बीईओ ठाकुर को निलंबित किया।
मामला इस प्रकार है कि शासकीय मिडिल भगतदेवरी को 16,61,163/- रूपये मुआवजा राशि फोरलेन सडक में मकान व अहाता क्षतिग्रस्त होने के कारण मिला था। जिस राशि को बीईओ ने दो वर्ष अपने पास रखा। इसके बाद इन्होने राशि को नियम विपरीत तरीके से सरपंच ग्राम पंचायत भगतदेवरी को दे दिया था। दूसरा मामला विकासखंड पिथौरा अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला भगत देवरी में ही शिक्षिका शोभा बरिहा पदस्थ थी जिसे जिला शिक्षा अधिकारी महासमुंद के आदेश 7 जुलाई 2022 को मूल शाला भगत देवरी से शासकीय प्राथमिक शाला कमार डेरा बागबाहरा में शैक्षणिक व्यवस्था किया गया था लेकिन शासकीय प्राथमिक शाला सुअरमार में शिक्षक की कमी होने के कारण इनका वैकल्पिक अध्यापन व्यवस्था बागबाहरा बायो ने किया शोभा बारिहा को बागबाहरा बीईओ ने 13 जुलाई 2023 को अध्यापन व्यवस्था को निरस्त करके कार्य मुक्त कर दिया शोभा बारिया को बीईओ कार्यालय बागबाहरा से कार्य मुक्ति आदेश पाने के बाद मूल शाला भगतदेवरी में पहुंचकर की उपस्थिति देना था लेकिन इन्होंने मूल शाला में उपस्थित नहीं दिया बल्कि अनुपस्थित अवधि में भी शोभा बारिहा और बीईओ ने लिपिक से मिलीभगत करके नियम विपरीत वेतन आहरण कर लिया जिसकी जांच में दोषी पाए गए बीईओ श्री ठाकुर को निलंबित करके जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द में अटैच कर दिया गया है।

विकासखंड शिक्षा अधिकारी कमलेश कुमार ठाकुर पिथौरा इस 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो रहे थे। लेकिन उससे 02 दिन पूर्व ही इनके उपर में शासन स्तर से बडी कार्यवाही की गई है। स्कूल शिक्षा विभाग ने इन्हे निलंबित कर दिया है
मालूम हो कि आरटीआई कार्यकर्ता विनोद कुमार दास ने अमिताभ जैन आइएएस मुख्य सचिव, सिद्वार्थ कोमल परदेशी आइएएस सचिव स्कूल शिक्षा विभाग, राकेश पांडेय संभागीय संयुक्त संचालक को लिखित शिकायत 27 अगस्त 2024 को साक्ष्य सहित किया था। जिसमें जांच किया गया। जांच में शिकायत सही पाया गया है।
बता दे कि बीईओ पिथौरा ने अनुविभागीय अधिकारी(राजस्व) पिथौरा को 06 अगस्त 2018 को बीईओ पिथौरा ने शपथपत्र प्रस्तुत किया है। जिसमें बीईओ ने उक्त राशि को अपने भारतीय स्टेट बैंक के खाते में देने की मांग किया। जिस कारण से मुआवजा राशि बीईओ पिथौरा को 07 अगस्त 2018 को मिला। बीईओ कमलेश ठाकुर ने बकायदा इकरारनामा किया है कि मुआवजा राशि का बजट एवं खर्च की जानकारी न्यायालय अनुविभागीय अधिकारी(रा) पिथौरा एवं जिला शिक्षा अधिकारी महासमुन्द को दूंगा। बीईओ ने सरपंच भगतदेवरी को 16,61,163/- रूपये 01 जुलाई 2020 को प्रदाय कर दिया। इसकी जानकारी बीईओ ने उच्च कार्यालय में नही दिया।
संभागीय संयुक्त संचालक राकेश पांडेय ने जांच करके जांच रिपोर्ट स्कूल शिक्षा विभाग को भेज दिया था। जिसमें बीईओ के.के.ठाकुर को वित्तीय अनियमितता में दोषी पाया गया था। स्कूल शिक्षा विभाग से अवर सचिव तरूणा साहू ने 28 अप्रैल को कमलेश कुमार ठाकुर बीईओ पिथौरा को उक्त कृत्य हेतु छत्तीसगढ़ सिविल सेवा(वर्गीकरण, नियत्रंण तथा अपील) नियम 1966 के नियम 9(1)(क) के तहत प्रभाव से निलंबित कर दिया है। निलबंन अवधि में के.के.ठाकुर को जीवन निर्वाह भत्ता दिया जायेगा।
इधर नियम विपरीत वरिष्ठता दिए जाने मामले में भी रोजाना नए खुलासे हो रहे है। बीईओ कमलेश ठाकुर द्वारा नियम विपरीत संविलियन दिए जाने शिक्षकों को नोटिस जारी किया गया। जिला शिक्षा अधिकारी मोहन सावंत ने बताया जांच में दोषी पाए जाने वाले अधिकारियों के विरुद्ध कार्यवाही करने का आदेश है। लिप्त लोगोंको बख्शा नहीं जाएगा ।
